शहीद औरंगजेब के दोनों छोटे भाई सेना में भर्ती, कहा-पाकिस्तानियों से चुन-चुनकर बदला लेना है

शहीद औरंगजेब की ल’ड़ाई को अब उसके भाई पूरी करेंगे। उनके दो और भाइयों ने अब सेना की वर्दी पहन ली है और आ-तंक के खिलाफ ल’ड़ाई जारी रखने का एलान किया है।

14 जून 2018 को कश्मीर घाटी में आ-तंकवादियों ने सेना के जांबाज सिपाही औरंगजेब का उस समय अ-पहरण कर शहीद कर दिया था जब वह ईद मनाने के लिए अपने घर पुंछ के सलानी गांव में आ रहे थे। म-रणोपरांत उन्हें शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया था।

इस पर शहीद औरंगजेब के पिता और पूर्व सैनिक मोहम्मद हनीफ ने आ-तंकवाद का मुकाबला करने की इच्छा जाहिर की थी। इसके बाद उन्होंने अपने दोनों बेटों को सेना में भर्ती होने के लिए तैयार किया। ताकि दोनों भाई मिलकर आ-तंकवाद का राज्य से सफाया करने में अहम भूमिका निभा सकें और अपने भाई की शहादत का बदला आतंकवादियों से ले सकें।

अब शहीद औरंगजेब के दो भाई मुहम्मद तारिक और मुहम्मद शब्बीर सेना में बतौर सिपाही भर्ती हो चुके हैं। अब दोनों इस इंतजार में है कि कब उन्हें आ-तंक विरोधी अभियान में उतारा जाएगा। सोमवार को राजौरी में आयोजित नामांकन परेड में दोनों ने हिस्सा लिया। अब वह प्रशिक्षण पर जाएंगे।

 

तारिक और शब्बीर ने मार्च माह में सुरनकोट में प्रादेशिक सेना भर्ती रैली में भाग लिया था। इस भर्ती रैली में 11 हजार के करीब युवाओं ने भाग लिया था और मात्र सौ युवा ही चुने गए थे।

शहीद औरंगजेब के पिता मुहम्मद हनीफ ने कहा कि औरंगजेब की शहादत के बाद सेना ने उन आ-तंकवादियों को ढेर कर दिया था। पर आ-तंकवाद के खिलाफ लड़ाई अब भी जारी है। अब तारीक और शब्बीर आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए तैयार हैं। दोनों भाई मिलकर आ-तंकवाद की कमर तोड़ने का कार्य करेंगे और आ-तंकवाद को समाप्त करके ही दम लेंगे। उन्होंने कहा कि मुझे गर्व है कि मेरे बेटे ने देश के लिए उसने अपने प्राणों की आहुति दे दी। अब मेरे यह दोनों बेटे आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को निर्णायक अंजाम तक पहुंचाएंगे।

शहीद औरंगजेब का बड़ा भाई मोहम्मद कासिम पहले से ही सेना में है और करीब 12 साल से सेना में सेवाएं दे रहा है। अब दो भाई और सेना में शामिल हो गए हैं। इसके अलावा दो छोटे भाई आसम और सोहेल अभी पढ़ रहे हैं।

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *