झारखंड विस चुनाव में NOTA से हार गयीं जदयू-लोजपा, नीतीश के नाम पर 0.79 वोट

रांची : झारखंड विधानसभा चुनाव में उपरोक्त में से कोई नहीं (None Of The Above यानी NOTA) से हार गयीं 14 पार्टियां. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआइ) और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआइ एम) और ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक (एआइएफबी) मिलकर एक फीसदी वोट भी नहीं पा सकी. वामदलों से ज्यादा वोट असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआइएमआइएम को मिले. पार्टी को 1 फीसदी वोट मिले हैं. बसपा को उससे ज्यादा 1.38 फीसदी वोट मिला है, लेकिन वह भी नोटा से पार नहीं पा सकी.

आम आदमी पार्टी को 0.23 फीसदी, तृणमूल कांग्रेस को 0.30 फीसदी, बीएलएसपी को 0.01 फीसदी, भाकपा को 0.45 फीसदी, माकपा को 0.34 फीसदी, आइयूएमएल को 0.02 फीसदी, जेडीएस को 0.01 फीसदी, जदयू को 0.79 फीसदी, लोजपा को 0.26 फीसदी, एनसीपी को 0.45 फीसदी और एनपीइपी को 0.01 फीसदी वोट मिले. सभी 14 दलों को संयुक्त रूप से 5.29 फीसदी वोट मिले. 1.43 फीसदी मतदाताओं ने नोटा (NOTA) का विकल्प चुना.

इन 14 में सिर्फ दो पार्टियों को 1 फीसदी से अधिक मत मिला. वहीं 10 पार्टियों को 0.50 फीसदी से भी कम वोट मिले. नीतीश कुमार की पार्टी जदयू को 0.79 फीसदी मत मिले. असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलिमीन (AIMIM) और मायावती की पार्टी बहुजन समाज पार्टी (बसपा) को एक फीसदी या उससे ज्यादा मत प्राप्त हुए. AIMIM को 1.00 फीसदी और बसपा को 1.38 फीसदी वोट मिले.

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