बिहार के राज्यपाल को के के पाठक की चेतावनी, कहा- शिक्षा विभाग के कामकाज में दखल न दे राजभवन

शिक्षा विभाग के कामकाज में दखल न दे राजभवन● शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव ने राज्यपाल के प्रधान सचिव को लिखा पत्र ● पूछा, किस नियम के तहत कुलपतियों को बैठक में आने की अनुमति नहीं दी गई

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने कहा है कि शिक्षा विभाग के कार्यों में राजभवन हस्तक्षेप न करे। इसको लेकर राज्यपाल सह कुलाधिपति के प्रधान सचिव रॉबर्ट एल चोंग्थू को श्री पाठक ने शुक्रवार को पत्र लिखा है। इसमें इस पर भी कड़ी आपत्ति जताई है कि विभाग की बैठक में कुलपतियों को आने से राजभवन की ओर से क्यों रोक लगा दी जाती है।

केके पाठक ने पत्र में यह भी कहा है कि विभाग के पास बिहार राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम 1976 के प्रावधानों को लागू करने का दायित्व है। उन्होंने कुलाधिपति के प्रधान सचिव को कहा है 29 फरवरी को आपने यह स्वीकार किया है कि राजभवन की ओर से कुलपतियों को विभाग की बैठक में शामिल होने की अनुमति नहीं दी गयी है। इसमें आप बतायें कि किस नियम के तहत ऐसा किया गया है। श्री पाठक ने पत्र में कुलाधिपति के अधिकारों को भी चुनौती दी है।

मालूम हो कि राजभवन और शिक्षा विभाग के बीच चल रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। इसी क्रम में विभाग ने वीसी व अन्य पदाधिकारियों का वेतन रोक दिया है। विश्वविद्यालयों के बैंक खातों के संचालन पर रोक लगा दी है। राजभवन में नौ अप्रैल को हुई बैठक में कुलपतियों ने कुलाधिपति के समक्ष यह समस्या उठायी थी कि खातों के संचालन पर रोक से विवि का कार्य प्रभावित हो रहा है। डेढ़ माह में शिक्षा विभाग की लगातार छह बैठकों में कुलपतियों ने भाग नहीं लिया है। बैठक में शामिल होने के लिए कुलपतियों को राजभवन द्वारा अनुमति नहीं दी जा रही है। अंतिम बैठक आठ अप्रैल को विभाग में थी, जिसमें कोई कुलपति नहीं आये।

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