अभी-अभी : मैथिली के महान गीतकार मैथिली पुत्र प्रदीप का हुआ नि’धन

अभी अभी एक बड़ी खबर दरभंगा से सामने आ रही है। बताया जा रहा है कि मैथिली साहित्य के महान गीतकार मैथिली पुत्र प्रदीप का निधन हो गया है, दरभंगा के निवासी और प्रोफेसर उदय शंकर ने फेसबुक पोस्ट करके इस बात को लेकर जानकारी दी हैै। मैथिली पुत्र प्रदीप उन साहित्यकारों में से हैं जिनके गीत मिथिला के गांव गांव में प्रचलित हैै। जगदम्ब अहीं अवलम्ब हमर हे माई अहां बिनु आस ककर, तो नहि बिसरिहे गे माय, तू जे बिसरमे तं दुनिया में पड़तैय बौआई

कर्मियों को नहीं मिलती ट्रेनों की सही जानकारी : विभिन्न प्रदेशों से प्रवासियों के दरभंगा जंक्शन पहुंचने का सिलसिला शुक्रवार को भी जारी रहा। रात से दिन तक गाड़ियों के आने का सिलसिला जारी है। कितनी ट्रेनों को आना है इसकी समुचित जानकारी भी अब पूर्व की तरह स्टेशन को प्राप्त नहीं होती है। रात से दिन तक गाड़ियां आती रहती हैं।

महीनों से स्टेशन पर जिला प्रशासन के प्रतिनिधि, रेल अधिकारी व कर्मी, जीआरपी एवं आरपीएफ के कर्मी सभी अब पूरी तरह थक चुके हैं। जंक्शन से प्राप्त जानकारी के अनुसार शुक्रवार को छत्रपति शिवाजी टर्मिनस से 1911 प्रवासी, लोकमान्य तिलक टर्मिनस से 656 प्रवासी, दानापुर-मधुबनी सवारी गाड़ी से 216 प्रवासी, बरौनी-मधुबनी से 284 प्रवासी, सतारा से 502 प्रवासी, मैसूर-दरभंगा से 781 प्रवासी तथा लोकमान्य तिलक टर्मिनस से 1351 यानी कुल पांच हजार 701 प्रवासी दरभंगा जंक्शन पहुंचे।

विभिन्न प्रदेशों से दरभंगा जंक्शन पहुंचने वाले प्रवासियों के चेहरे पर थकान के साथ-साथ पीड़ा झलकती नजर आ रही थी। प्लेटफॉर्म से निकलकर बाहर अपने जिले की बसों की प्रतीक्षा में खड़े दर्जनों प्रवासी आपस में बात करते दिखे कि प्रदेश से काम छोड़कर यहां आए, अब कब घर पहुंचेंगे और घर पर फिर क्या करेंगे, यह समस्या सामने खड़ी है। ट्रेनों में थकान के साथ-साथ भूख की समस्या भी अब प्रवासियों को बुरी तरह सताने लगी है। इधर, एक मई से श्रमिक स्पेशल ट्रेनों से प्रवासियों के आने का सिलसिला आरंभ हुआ जो अभी तक जारी है। प्रवासियों के अल्पाहार की जिम्मेदारी जिला प्रारंभिक शिक्षा के डीपीओ संजय कुमार देव कन्हैया के नेतृत्व में तीन शिफ्ट में दर्जनों शिक्षकों को सौंपी गई है। ये लोग लगातार अपने दायित्व का निर्वहन कर रहे हैं। हालांकि अब पूर्व की तुलना में ट्रेनों में यात्रियों की संख्या काफी अधिक रहने के कारण इन्हें भी व्यवस्थित ढंग से काम करने में परेशानी हो रही है।

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