क्या बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की बात नहीं सुनते NDA के यह मंत्री?

Patna: बिहार में यह बात किसी से छिपी नहीं है कि जब से नीतीश कुमार ने अपनी पुरानी सहयोगी पार्टी बीजेपी के साथ एक बार फिर सरकार बनाई है, वो चाहे मुजफ्फरपुर इलाके में दिमागी बुखार से डेढ़ सौ से अधिक बच्चों की मौत हो या पटना में जलजमाव, उनकी फजीहत के पीछे किसी न किसी भाजपा के मंत्री की नाकामी रही है.

लेकिन अब लगता है कि नीतीश कुमार को खासकर स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय गंभीरता से नहीं लेते. शुक्रवार को कोरोना वायरस से निपटने के लिए उन्होंने एक बैठक की जिसमें पांडेय भी उपस्थित थे. इस बैठक में फैसला लिया गया कि सार्वजनिक कार्यक्रम स्थगित रहेंगे. स्कूल-कॉलेजों को भी तत्काल आदेश से बंद कर दिया गया. खुद मुख्यमंत्री ने इस बैठक के बारे में ट्वीट किया.

लेकिन इसके विपरीत स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय शनिवार को दौरे पर निकले. वे स्वास्थ्य सेवाओं का निरीक्षण करने के बजाय पार्टी की बैठक मे दिखे. और उन्होंने खुद ट्वीट किया-रोहतास में कोर कमिटी की बैठक में भाग लेकर संगठनात्मक चर्चा करते हुए. रोहतास जिला के विक्रमगंज में कैमूर, भोजपुर, औरंगाबाद, बक्सर एवं रोहतास जिला के क्षेत्रीय कार्यशाला में भाग लेकर कार्यशाला को संबोधित किया.

दूसरी ओर विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने मंगल पांडेय के कदम की आलोचना करने में देरी नहीं की. उन्होंने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि नीतीश सरकार कोरोना के नाम पर भय का माहौल बना रही है. उन्होंने अपने टविट में लिखा कि ऐसा प्रतीत होता है कि नीतीश सरकार कोरोना के नाम पर भय का माहौल बना रही है। हमारे प्रशिक्षण शिविर स्थल को कोरोना के नाम पर रद्द कर दिया गया। हमने ख़ुशी-ख़ुशी आदेश का पालन किया लेकिन स्वास्थ्य मंत्री सरकार की advisory की ख़ुद धज्जियाँ उड़ा रहे है। सरकार का ऐसा दोहरा रवैया क्यों?

ऐसे में निश्चित रूप से सोमवार को जब विधानसभा का सत्र शुरू होगा तो विपक्ष को पांडेय ने अपनी इस गतिविधि से आलोचना का मौका दे दिया है.

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