पैक्स चुनाव को लेकर पटना HC का बड़ा फैसला, नए वोटरलिस्ट को किया रद्द

राज्य में पैक्स चुनाव को लेकर को-ऑपरेटिव रजिस्ट्रार के स्वतः सदस्य घोषित किए जाने संबंधी आदेश को पटना हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया है। जस्टिस राजीव रंजन प्रसाद की एकलपीठ ने मंगलवार को यह आदेश दिया। बिंदवाल प्राइमरी ऐग्रिकल्चर क्रेडिट को ऑपरेटिव सोसायटी सहित दो दर्जन से अधिक दायर रिट याचिकाओं को निष्पादित करते हुए कोर्ट ने कानूनी प्रक्रिया के तहत नए सिरे से सदस्य बनाने तथा उसके आधार पर मतदाता सूची बनाने का निर्देश दिया।

याचिकाकर्ताओं ने 5 जुलाई को जारी काे-ऑपरेटिव के रजिस्ट्रार के आदेश की वैधता को चुनौती दी थी। वरीय अधिवक्ता पीके शाही, वाईवी गिरी, विंध्याचल राय सहित अनेक वकीलों ने दलील देकर रजिस्ट्रार के आदेश को नियमों के विरुद्ध बताया, जबकि महाधिवक्ता ललित किशोर ने याचिकाओं का विरोध किया। उनकी दलील थी कि रजिस्ट्रार का आदेश पूरी तरह नियमों के अनुरूप है।

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रजिस्ट्रार ने आदेश में कहा था कि पैक्सों की सदस्यता के लिए ऑनलाइन आवेदन प्राप्त हुए थे। लेकिन, 15 दिनों से अधिक समय तक पैक्सों में ही पड़े रहे वैसे सभी आवेदकों को नियम के तहत स्वतः सदस्य घोषित किया जाता है। कोर्ट ने इसी आदेश को रद्द किया है। कोर्ट ने अब नए सिरे से सदस्य बनाने तथा उसके आधार पर मतदाता सूची में शामिल होने के लिए आवेदन करने हेतु 3 सप्ताह का समय निर्धारित किया है। इसके दो सप्ताह बाद संबंधित पैक्स उनके आवेदन पर निर्णय लेने की प्रक्रिया पूरी करेगा। इसके बाद ही मतदाता सूची और पैक्स चुनाव का कार्यक्रम घोषित किया जा सकेगा।

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