बिहार के सबसे बड़े हास्पिटल PMCH के नीचे बनेगा अंडरग्राउंड मेट्रो स्टेशन, मरीजों को होगी सुविधा

पीएमसीएच को सबसे पहले मिलेगी मेट्रो की कनेक्टिविटी, मरीजों को आने-जाने में होगी सहूलियत : मेट्रो रेल प्रोजेक्ट काम में अब तेजी अाई है। मरीजाें की सुविधा के लिए पीएमसीएच को सबसे पहले मेट्रो कनेक्टिविटी देने की याेजना है। पीएमसीएच मेट्रो स्टेशन की लाइन अस्पताल परिसर के नीचे से गुजरेगी। यह स्टेशन पटना मेट्रो रेल परियोजना के 14.45 किमी लंबे पटना रेलवे स्टेशन-पाटलिपुत्र बस टर्मिनल कॉरिडोर (लाइन-2) का हिस्सा होगा। प्रवेश-निकास द्वारों के दोनों अाेर कनेक्टिविटी के लिए 30 मीटर का एक छोटा सब-वे भी बनाया जाएगा। यात्रियों की सुविधा के लिए स्टेशन में दो लिफ्ट और तीन एस्केलेटर होंगे।

मूल रूप से यहां एलिवेटेड स्टेशन का प्रस्ताव था। इस डिजाइन के अनुसार इसकी लाइन को बहुत घनी आबादी वाले आवासीय अाैर कॉमर्शियल क्षेत्रों से होकर गुजरना था। बाद में यह महसूस किया गया कि एलिवेटेड खंड में आसपास के ढांचों को बड़ी संख्या में आंशिक तौर पर अथवा पूरी तरह से ढहाना पड़ेगा। इसके अतिरिक्त, इस व्यस्त रोड पर एलिवेटेड वाया डक्ट के निर्माण से सड़क जाम हाेगा, क्योंकि कैथोलिक चर्च और पीएमसीएच के बीच अशोक राजपथ बहुत संकरा है। फलस्वरूप, पीएमसीएच स्टेशन का एक अनूठा डिजाइन तैयार करते हुए यह सुनिश्चित किया गया कि हॉस्पिटल परिसरों के कारण स्टेशन के निर्माण कार्य प्रभावित न हों। अशोक राजपथ के प्रस्तावित फ्लाईओवर में भी स्टेशन के डिजाइन के अनुसार आवश्यक फेरबदल किए गए ताकि प्रस्तावित फ्लाईओवर को ध्यान में रखते हुए स्टेशन के निर्माण की व्यवहार्यता सुनिश्चित हो सके।

सिस्टम के लिए उपयुक्त स्थान की अपेक्षा के साथ ही साथ यात्रियों के लिए मूलभूत सुविधाओं के लिए विभिन्न व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के लिए सिस्टम की रूपरेखा और आकार को पीएमसीएच के विशिष्ट डिजाइन के अनुसार तैयार किया गया था, जो अन्य स्टेशनों से भिन्न है। इसके अलावा, प्रवेश स्थलों की परिस्थितियों और संबंधित वर्टिकल मूवमेंट स्थलों तथा मार्गों को उपलब्ध भूमि और सरफेस तथा इस स्थान विशेष के लिए सड़क मार्गों के अनुसार डिजाइन किया जाना था। इस कारण इस स्टेशन के प्रवेश द्वार, कॉन्कोर्स की रूपरेखा के साथ-साथ संबद्ध एरिया को अनूठा डिजाइन दिया गया है। गौरतलब है कि पटना शहर बड़े पैमाने पर होते शहरीकरण तथा आर्थिक गतिविधियों के चलते बहुत तेजी से विकसित हो रहा है। 31 किमी लंबी पटना मेट्रो रेल परियोजना जिसमें दानापुर-मीठापुर-खेमनी चाक कॉरिडोर (लाइन-1) और पटना रेलवे स्टेशन- पाटलिपुत्र बस टर्मिनल कॉरिडोर (लाइन-2) शामिल हैं। इससे शहर के लाखों यात्रियों को लाभ होना संभावित है और इससे वाहनों की संख्या भी कम होगी तथा भीड़भाड़ में भी कमी आएगी।

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