बिहार पुलिस का कमाल, अपने ही साथ के शव को पहचानने से किया इंकार, लवारिश मान हुआ दाह संस्कार

PATNA : अपने जिस अ’पहृत सिपाही अशोक पासवान को पटना पुलिस सरगरमी से तलाश रही थी, उसका अं’तिम सं’स्कार तक हो चुका है। सिपाही के श’व का पोस्टमार्टम से लेकर अंतिम संस्कार तक पुलिस ने ही किया, लेकिन उसकी पहचान नहीं हो सकी। इस बाबत गांधी मैदान थाने में यूडी केस भी दर्ज है। वाट्सएप से जब इसका खुलासा हुआ तो महकमे के आला अफसर भी चौंक गये। 16 जुलाई से सिपाही लापता था।

अररिया के फारबिसगंज निवासी सिपाही अशोक का बेटा और बुद्धा कॉलोनी के थानेदार रविशंकर सिंह पूर्व में मिले अज्ञात श’वों को देख रहे थे। इसी बीच थानेदार ने पटना पुलिस के ग्रुप पर 16 जुलाई से आये मैसेज को देखना शुरू किया।

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तभी गांधी मैदान थानाध्यक्ष सुनील सिंह के भेजे एक मैसेज और तस्वीर पर नजर पड़ी। 17 जुलाई की सुबह एक श’व गांधी मैदान के बाहर मिला था, जिसकी तस्वीर गांधी मैदान थानेदार ने वाट्सएप पर पोस्ट की थी। तस्वीर देखते ही सिपाही के बेटे ने अपने पिता को पहचान लिया। चेहरे पर चो’ट के निशान मिले हैं।

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