प्राइवेट स्कूल वालों पर नीतीश सरकार मेहरबान, इस बार भी लाकडाउन में आपसे वसूला जाएगा मंथली फीस

बिहार के बड़े स्कूलों द्वारा की गई मनमानी और पिछले सत्र में बिना पढ़ाई के पाई-पाई फीस लेने से लोगों में भारी आक्रोश है। इस बार भी कोरोना के खतरे के मद्देनजर स्कूलों को बंद किया जा रहा। इस संबंध में आज जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सवाल पूछा गया तो वे टालते दिखे।वे निजी स्कूलों की मनमानी रोकने के सवाल का जवाब देने से साफ तौर पर बचते दिखे। मुख्यमंत्री से पूछा गया कि पिछली दफा सभी बड़े स्कूलों ने बिना पढ़ाई किये ही जबरन फीस लिये। अभिभावकों को मजबूरी में प्रति छात्र हजारों से लेकर लाखो रू देने पड़े। लेकिन सरकार हरकत में नहीं आई।

क्या सरकार फीस माफी पर कोई पहल करेगी ? इस सवाल पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सीधे जवाब देने से बचते रहे। उन्होंने शिक्षा मंत्री विजय चौधरी पर सवाल फेक दिया। शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि हमने निजी स्कूल के प्रबंधकों के साथ मीटिंग की। वे स्कूल बंद करना नहीं चाहते,सरकार भी नहीं चाहती कि स्कूल बंद हो लेकिन परिस्थिति ऐसी है कि स्कूल बंद करना पड़ रहा। न तो शिक्षा मंत्री और न मुख्यमंत्री ही निजी स्कूलों की फीस को लेकर कोई माकूल जवाब दिया। मतलब साफ है कि भले ही स्कूल बंद रहेंगे, बच्चों की पढ़ाई बाधित रहेगी लेकिन आपसे स्कूल प्रबंधन जबरन फीस लेगा।सरकार निजी स्कूलों पर कोई कार्रवाई नहीं करेगी।

बता दें, इस बार विधानसभा में बजट सत्र के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष ने संयुक्त रूप में निजी स्कूलों की मनमानी पर सवाल उठाया था। विधायकों ने सरकार से साफ कहा था कि लॉकडाउन के दौरान बिना पढ़ाई के ही निजी स्कूल प्रबंधन ने जबरन फीस ली है। छात्रों की परीक्षा को बाधित कर अभिभावकों से फीस वसूल गये। ऐसे में सरकार कार्रवाई करे। तब शिक्षा मंत्री ने कहा था कि हम भी चाहते हैं कि निजी स्कूल लॉकडाउन के दौरान का फीस नहीं लें। लेकिन फीस लेने से रोकने का सरकार के पास अधिकार ही नहीं है।

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