रामविलास पासवान को मिला मरणोपरांत पद्म पुरस्कार, चिराग बोले-सम्मान पाकर गर्व हो रहा है

महामहिम राष्ट्रपति जी एवं आदरणीय प्रधानमंत्री जी का मेरे, मेरे परिवार और मेरी पार्टी की तरफ़ से मेरे पिता…मेरे नेता को दिए गए इस सम्मान के लिए हृदय से आभार. चिराग पासवान ने कहा कि आज का दिन मिश्रित भावनाओं से भरा हुआ है। एक तरफ़ जहां आँखें नम है तो वही सीना गर्व से भरा हुआ है। पापा को आज मिला सम्मान बेहद खास है । पर पहली बार है कि ऐसे खास मौके पर मां और मेरे साथ वे खुद मौजूद नहीं ।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सोमवार को 119 नागरिकों को पद्म अवार्ड से सम्मानित किया। इस साल जिन लोगों को पद्म श्री पुरस्कार से नवाजा गया उनमें बिहार के दो दलित कलाकार रामचंद्र मांझी और दुलारी देवी समेत छह विभूति भी शामिल हैं। मांझी जहां ‘नाच’ कलाकार हैं वहीं दुलारी देवी मिथिला चित्रकार हैं। ऐसे डॉक्टर को भी इस पुरस्कार से नवाजा गया है जो बिहार के सुदूर देहाती इलाके में रहकर मरीजों का इलाज करते हैं।

डॉ. दिलीप कुमार सिंह की उम्र 92 साल है और इस उम्र में भी वे भागलपुर जिले के पीरपैंती प्रखंड के शेरमारी गांव में मरीजों को दवाइयां देते हैं। उनको दवा लिखते कभी नहीं देखा गया। विदेश की चमकीली दुनिया छोड़ वे गांव में भी बस गए। इसके अलावा लोजपा के संस्थापक रामविलास पासवान, चर्चित राजनेता व राज्यपाल रहीं मृदुला सिन्हा को मरणोपरांत पद्म पुरस्कार दिया गया। मांझी और दुलारी को राष्ट्रीय पुरस्कार तक पहुंचने के लिए काफी लंबा रास्ता तय करना पड़ा। राष्ट्रीय पुरस्कार मिलने के बाद दोनों कलाकारों ने कहा कि ये उनकी जीवन की परिस्थितियां ही हैं जो उनकी कला को जीवन शक्ति देती हैं और उज्जवल बनाती हैं।

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