RRB रेलवे भर्ती परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों को तैयारी में करने होंगे ये बदलाव

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केंद्र सरकार की नौकरी प्राप्त करने के लिए बिहारी छात्रों को कई स्तरों पर फायदा होगा। वहीं कई स्तरों में सुधार भी करना होगा। खासकर रेलवे की तैयारी करने वाले छात्रों को विशेष ध्यान देना होगा। इसके अलावा बैंकिंग की तैयारी करने वाले छात्रों को भी अपने सिलेबस में कुछ संशोधन करना पड़ेगा। कोचिंग संस्थानों को उसी हिसाब से छात्रों को तैयार करना होगा। तभी जाकर बिहार के छात्र-छात्राएं ज्यादा सफल होंगे। वहीं इस बदलाव पर ज्यादातर प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्रों में खुशी का माहौल है। अब नए नियम के तहत केंद्र सरकार की सरकारी नौकरियों के लिए एक ही परीक्षा होगी। ये परीक्षा नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी (एनआरए) लेगी। एनआरए केंद्र सरकार की सरकारी नौकरियों के लिए एक कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (सीईटी) कराएगी।

इस नए बदलाव पर अलग-अलग संस्थानों के प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कराने वाले विशेषज्ञ शिक्षकों से राय ली गई। एसएससी परीक्षा की तैयारी कराने वाले अदम्या अदिति गुरुकुल संस्थान के निदेशक डॉ. एम रहमान ने कहा कि यह बिहार के छात्रों के लिए वरदान साबित होगा। बशर्तें की समय पर परीक्षाएं आयोजित हों। छात्रों को आर्थिक स्तर से लेकर मानसिक परेशानी दूर होगी। कहीं आने-जाने की परेशानी नहीं। एक ही आवेदन से तीन परीक्षाओं के लिए शामिल हो जाएंगे। वहीं संस्थानों को अपने सिलेबस में बदलाव करना होगा।

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बदलाव अच्छा है
रेलवे प्रतियोगिता परीक्षा के विशेषज्ञ प्लेटफॉर्म कोचिंग संस्थान के निदेशक नवीन सिंह का कहना है कि यह बदलाब बहुत अच्छा है पर रेलवे की तैयारी करने वाले छात्रों को अब अंग्रेजी पढ़ना अनिवार्य हो जाएगा। पहले रेलवे के सिलेबस में अंग्रेजी अनिवार्य नहीं थी। इस बार एनआरए जो पहली परीक्षा लेगी। इसमें गणित, अंग्रेजी, रीजनिंग और जीएस, जीके पढ़ना होगा। अभी तक रेलवे की तैयारी करने वाले छात्र एसएससी और बैंकिंग की परीक्षा नहीं देते थे।

बैकिंग वाले जीएस पर दें ध्यान
बैंकिंग परीक्षा के विशेषज्ञ बीएससी संस्थान के निदेशक दुग्रेश बताते हैं कि बिहारी छात्रों को नौकरी प्राप्त करने के लिए सुनहारा मौका है। बैंकिंग की तैयारी करने वाले छात्रों को अब विशेष तौर पर जीके व जीएस पर ज्यादा ध्यान देना होगा। बैंक के छात्र गणित, रीजनिंग और अंग्रेजी में बेहतर स्कोर करते थे। थोड़ा बहुत जीएस में फंसते थे। अब चारों विषयों पर ध्यान देना होगा। एनआरए को ग्रामीण क्षेत्रों में परीक्षा केन्द्र देना होगा। ताकि छात्र-छात्राओं को ज्यादा दिक्कत नहीं हो सके।

ये होंगे फायदे

  • उम्मीदवारों को अलग-अलग आरंभिक परीक्षाओं से मुक्ति मिलेगी
  • परीक्षाओं की तारीखें एक साथ आ जाने से एक परीक्षा छोड़नी पड़ती थी, जो अब नहीं होगी
  • परीक्षा केंद्र अलग-अलग शहरों में पड़ती थी, अब यह समस्या खत्म हो जाएगी, हर जिला मुख्यालय पर एक केंद्र होगा
  • एक ही परीक्षा के लिए फीस भरनी होगी।
  • रेलवे भर्ती बोर्ड, कर्मचारी चयन आयोग और आईबीपीएस के प्रतिनिधि संचालक मंडल में शामिल होंगे
  • अभी परीक्षा के आवेदन से लेकर रिजल्ट आने में 12-18 महीने लगते हैं। सीईटी से यह समय घटेगा

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