अग्निपथ आंदोलन पर पटना हाइकोर्ट का बड़ा फैसला- उत्पात मचाने वालों से नहीं होगी वसूली

अग्निपथ योजना का विरोध करने वाले लोगों से नष्ट की गयी सरकारी संपत्ति का मुआवजा वसूल नहीं किया जाएगा। उत्पात मचाने वालों से राष्ट्रीय संपत्ति को हानि पहुंचाने और अराजकता फैलाने वाले तत्वों को सहयोग करने वाले लोगों की जांच कराने तथा नष्ट संपत्ति का पैसा वसूलने के लिए दायर लोकहित याचिका पटना हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद खारिज कर दी।

मुख्य न्यायाधीश संजय करोल तथा न्यायमूर्ति एस कुमार की पीठ ने सुनवाई की। कोर्ट को बताया गया कि उग्र आंदोलन से कई सौ करोड़ की सरकारी संपत्ति को नष्ट किया गया। क्षतिग्रस्त संपत्ति का आकलन कर आंदोलन कारियों से पैसों की वसूली की जाये। साथ ही इस आंदोलन में भाग लेने वाले राजनीतिक पार्टियों पर भी जुर्माना लगाया जाये। उनका कहना था कि इस घटना को समय रहते नहीं रोक पाने वाले सरकारी अधिकारियों पर भी कानूनी कार्रवाई की जाये और उनपर जुर्माना लगाया जाये।

वहीं, राज्य सरकार का बचाव करते हुए महाधिवक्ता ललित किशोर ने कोर्ट को बताया कि इस आंदोलन से निपटने के लिए राज्य सरकार समय के साथ मुस्तैद थी। सरकार ने आंदोलन को रोकने के लिए सख्त इंतजाम किए थे लेकिन गलत नीयत से सरकार को बदनाम करने के लिए इस प्रकार की लोकहित याचिका दायर की गई है।

राज्य सरकार ने अराजक तत्वों पर कार्रवाई की है। सरकारी संपत्ति की रक्षा के लिए राज्य सरकार ने बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किए थे। महाधिवक्ता की ओर से दी गई जानकारी के बाद कोर्ट ने लोकहित याचिका को खारिज कर दी।

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