पटना की सड़कों पर ऑटो चलाने वाला गरीब बिहारी युवक पहले बना विधायक फिर बना भारत का सांसद, रोचक है कहानी

कभी पटना में चलाते थे ऑटो, पहले MLA फिर MP बने, फिल्मी है इस नेता की कहानी : उन्हीं लोगों की सलाह पर दुलालचंद गोस्वामी भी लगभग एक साल पटना की सड़कों पर ऑटो चलाते रहे. बाद में वह कटिहार लौटकर सालमारी आरडीएस कॉलेज से अपने ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की. जहां तक राजनीतिक की बात है दुलालचंद गोस्वामी की राजनीति भाजपा से शुरू हुई थी जिसमें वह 1995 मे भाजपा से बिहार मे उस समय सबसे कम उम्र मे विधायक बने थे फिर बारसोई (वर्तमान में बलरामपुर विधानसभा) जदयू कोटा में चले जाने के बाद  टिकट नहीं मिलने से निर्दलीय के रूप में चुनाव जीत कर आये थे.

बात 2010 की है जब दुलालचंद गोस्वामी पहली बार जीतन राम मांझी सरकार में श्रम संसाधन मंत्री बने हांलाकि उसके बाद के चुनाव में वो हार गये लेकिन तब तक वह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का विश्वास जीत चुके थे. इसी कारण उन्हें 2019 में लोकसभा चुनाव का टिकट दिया गया और एनडीए गठबंधन के प्रत्याशी के रूप में दुलालचंद गोस्वामी कटिहार के सांसद बन गये. पुराने दिनों से दुलालचंद गोस्वामी को जानने वाले लोग ऑटो चालक से लेकर सांसद बनने की उनके इस संघर्ष के सफरनामा को याद करते हुए उन्हें “ऑटो वाला” सांसद कहते हैं.

सांसद दुलालचंद गोस्वामी को लोगों के इस प्यार भरे पुकार पर कोई मलाल भी नहीं है. सांसद कहते हैं जिस देश में कभी चाय बेचने वाला एक साधारण आदमी प्रधानमंत्री बन सकता है तो एक ऑटो वाला सांसद क्यों नहीं बन सकता. ऑटो वाला सांसद शब्द उन्हें खुद को मजबूत बनाने के लिए प्रेरित करता है . फिलहाल सांसद दुलालचंद गोस्वामी इस बार भी एनडीए प्रत्याशी के रूप में कटिहार से चुनावी मैदान में हैं और वह ऑटो चलाकर अपने प्रचार अभियान का शुरुआत भी कर चुके हैं.

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