बिहार रेल हादसा पर बड़ा खुलासा, ट्रैक में गड़बड़ी से नॉर्थ ईस्ट हुई बेपटरी, पटरियां तहस-नहस पाई गईं

रेलवे की जांच समिति ने माना, इंजीनियरिंग विभाग की लापरवाही से हादसा, रिपोर्ट- ट्रैक में गड़बड़ी से नॉर्थ ईस्ट हुई बेपटरी

आनंद विहार से कामाख्या जा रही नार्थ ईस्ट एक्सप्रेस ट्रैक (पटरी) की गड़बड़ी से रघुनाथपुर में दुर्घटनाग्रस्त हुई। रेलवे के अफसरों की संयुक्त प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है। रिपोर्ट मेें इस दुर्घटना के पीछे इंजीनियरिंग विभाग की लापरवाही बताई गई है। जिस जगह हादसा हुआ वहां पटरियां तहस-नहस पाई गईं।

डेटा लॉगर और स्पीडोमीटर की जांच में हादसे के वक्त ट्रेन की गति 112 किमी प्रतिघंटे थी। यही वजह रही कि ट्रेन के इंजन समेत सभी बोगियां ताश के पत्तों की तरह छिटक कर पटरी से उतर गईं। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार तीन कोच ट्रैक के किनारे आसपास खेतों की ओर लुढ़क गए।

इधर, दुर्घटना के बाद गठित संयुक्त जांच कमेटी ने ट्रेन मैनेजर (गार्ड) विजय कुमार, ऑनड्यूटी स्टेशन मास्टर नित्यांनद कुमार, प्वाइंटमैन विशाल कुमार, गेट मैन नंदकिशोर सिंह, लोको पायलट बिपिन कुमार और असिस्टेंट लोको पायलट राजेश कुमार का बयान लिया। इसके आधार पर पाया कि हादसे की वजह ट्रैक में गड़बड़ी है। हादसे के बाद लंबी दूरी तक ट्रैक टूटा मिला।

वहीं, ट्रेन का इंजन लूप लाइन के प्लेटफॉर्म से टकरा गया जिससे लोको पायलट बिपिन कुमार को आंशिक, जबकि असिस्टेंट लोको पायलट राजेश कुमार को भीषण चोट आई है। रिपोर्ट में घटना का समय रात नौ बजकर 51 मिनट बताया गया है। सूत्रों के अनुसार, सीआरएस की जांच अभी जारी है। ऐसे में रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद रेल मंडल व जोन के कई अफसरों पर बड़ी कार्रवाई संभव है। इस हादसे में चार की मौत हुई, जबकि 70 घायल हैं। जांच में लोको पायलट और असिस्टेंट लोको पायलट की ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट निगेटिव पाई है। यानी, दोनों नशे में नहीं थे। इधर, हादसे के बाद इस रूट पर ट्रेनें ठप हैं। परिचालन कब तक बहाल होगा, इस बारे में रेल अधिकारी कुछ भी स्पष्ट नहीं बता सके।

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