जब तक सूरज चांद रहेगा, वशिष्ठ नारायण तेरा नाम रहेगा…शवयात्रा में उमड़ा जन-सैलाब, रो पड़े लोग

नहीं रहे वशिष्ठ नारायण सिंह: श’वयात्रा में उमड़ा जन-सैलाब, राजकीय सम्‍मान के साथ अंतिम संस्‍कार

प्रसिद्ध गणितज्ञ वशिष्‍ठ नारायण सिंह का गुरुवार को पीएमासीएच में मौ’त हो गई। उनका अंतिम संस्‍कार शुक्रवार को पैतृक गांव आरा के बसंतपुर स्थित महुली गंगा घाट पर किया गया। …

महान गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह का गुरुवार को पटना मेडिकल कॉजेल एवं अस्‍पताल (पीएमसीएच) में हो गया। उनका शव गुरुवार को पटना से संध्या 5:50 बजे पैतृक गांव सदर प्रखंड आरा के बसंतपुर लाया गया। शुक्रवार को पूर्वाह्न में स्‍थानीय महुली गंगा घाट पर राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्‍कार किया जा रहा है। बसंतपुर के पैतृक घर से उनकी शवयात्रा में जन सैलाब उमड़ पड़ा।


इसके पहले गुरुवार को पटना से शव के पैतृक गांव पहुंचने से पहले हीं घर पर मंत्री जय कुमार सिंह व पूर्व मंत्री राघवेंद्र प्रताप सिंह के अलावा जिलाधिकारी रोशन कुशवाहा एवं पुलिस अधीक्षक सुशील कुमार पहुंचे गए थे। शव के पहुंचने पर उनके दर्शनार्थ वहां भारी भीड़ उमड़ पड़ी। शुक्रवार सुबह से भी वहां लोगों का तांता लगा रहा।

वशिष्ठ नारायण सिंह 40 सालों से ‘सिजोफ्रेनिया’ बीमारी से पीड़ित थे। गुरुवार की सुबह तबीयत खराब होने पर उन्हें पीएमसीएच ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई। इसके बाद पीएमसीएच प्रशासन ने उनके शव को स्‍ट्रेचर पर रख अस्‍पताल के बाहर कर दिया। स्‍वजन शव को जे लाने के लिए घंटों भटकते रहे। इस बीच जब मीडिया ने मामला उजागर किया तो अस्‍पताल प्रबंधन से लेकर जिला प्रशासन तक नींद से जागे। सरकार भी हरकत में आई। फिर शव को सम्‍मान के साथ उनके पटना स्थित घर पर पहुंचाया गया।

उनके निधन पर राष्‍ट्रपति रामनाथ काेविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राज्‍यपाल फागू चौहान तथा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित केंद्र व राज्‍य के अनेक मंत्रियों व नेताओं ने श्रद्धांजलि दी। मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार पटना के उनके घर पर पहुंचकर पार्थिव शरीर पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी।

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