पाकिस्तान ने कराया था बिहार के दरभंगा रेलवे स्टेशन पर बम ब्लास्ट, ISI कर रहा था फंडिंग

पाक की ‘नापाक फंडिंग’ थी दरभंगा ब्लास्ट के पीछे !:पड़ोसी देश का कनेक्शन जुड़ा, UP- तेलंगाना से गिरफ्त में आए लोगों के बैंक अकाउंट खंगालने में जुटी NIA की टीम :

दरभंगा रेलवे स्टेशन पर 17 जून को हुए पार्सल ब्लास्ट मामले की जांच केंद्रीय जांच एजेंसी NIA ने पूरी तरह से संभाल ली है। दरभंगा से दिल्ली लौटने के बाद इनकी एक टीम सिकंदराबाद भी पहुंची। तेलंगाना ATS से मिले सबूतों के आधार पर आगे की जांच वहां भी NIA के अधिकारी कर रहे हैं।

इस बीच सूत्रों से जो जानकारी मिली है, उसके मुताबिक जिन तीन लोगों को इस ब्लास्ट कांड के बाद पकड़ा गया, उनको रुपयों की फंडिंग पाकिस्तान से हो रही थी। इस बात के सबूत मिले हैं। इसमें एक संदिग्ध को सिकंदराबाद और दो संदिग्धों को उत्तर प्रदेश के शामली से गिरफ्तार किया गया था। फंडिंग की बात नई है।

पाकिस्तान ISI से जुडे़ तार

अब NIA की टीम इन तीनों के बैंक अकाउंट को खंगलाने में जुट गई है। संदिग्धों के कितने बैंक अकाउंट्स हैं? उसमें कब कहां से रुपए भेजे गए हैं? इसकी पूरी पड़ताल की जा रही है। इसके अलावा इनके कांटैक्ट्स को भी खंगाला जा रहा है। कब इनकी किस से बातें हुईं? इनकी बातें नॉर्मल कॉल के जरिए होती थीं या इसके लिए इंटरनेट कॉल का इस्तेमाल किया जाता था? इन प्वाइंट्स पर काफी गहराई से जांच की जा रही है।

शुक्रवार को दरभंगा स्टेशन पर जांच करते NIA के अधिकारी।
शुक्रवार को दरभंगा स्टेशन पर जांच करते NIA के अधिकारी।
जिस तरह से दरभंगा पार्सल ब्लास्ट की जांच आगे बढ़ती जा रही है, उस हिसाब से यह मामला काफी सेंसेटिव बनता जा रहा है। इस केस में शुरुआती जांच के बाद ही पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के तार जुड़ने लगे थे। यह बात तभी सामने आई थी, जब बिहार रेल पुलिस और तेलंगाना और उत्तर प्रदेश की ATS ज्वाइंट रूप से पड़ताल कर रही थी। देश से बाहर का कनेक्शन सामने आने के बाद ही इस मामले की जांच की कमान NIA को सौंपी गई।

जांच के लिए पुणे से कोलकाता आएगी FSL की टीम

ब्लास्ट के बाद FSL की टीम ने जिस सैंपल को कलेक्ट किया था, बेहतर तरीके से उसकी जांच करने में बिहार FSL की टीम फेल हो गई थी। जिसके बाद उस सैंपल को कोलकाता के CFSL में जांच के लिए भेजा गया। अब सूत्रों के हवाले से पता चला है कि पुणे के FSL से एक्सपर्ट की एक टीम कोलकाता जा रही है, जो CFSL की टीम के साथ मिलकर कलेक्ट किए गए सैंपल की जांच करेगी। इस जांच के बाद ही पता चल पाएगा कि शीशे वाली बोतल में किस तरह के केमिकल्स का इस्तेमाल किया गया था?

पार्सल बुकिंग में दोनों जगहों पर था एक ही नाम

रेल पुलिस की जांच के दौरान पार्सल ब्लास्ट में एक और अहम बात सामने आई। कपड़े के जिस बंडल में ब्लास्ट हुआ था, उसके उपर रिसीवर के नाम में मो. सुफियान लिखा हुआ था। जब बिहार से रेल पुलिस की टीम सिकंदराबाद गई थी, तब वहां पार्सल बुकिंग ऑफिस को खंगाला गया। वहां बुक कराने वाले का नाम भी मो. सुफियान ही मिला। अब यह बात भी किसी गहरी साजिश की ओर ही इशारा कर रही है। इसके आधार पर ही इस मामले की जांच बिहार से तेलंगाना और उत्तर प्रदेश, फिर जम्मू-कश्मीर तक जा पहुंची।

ब्लास्ट के वक्त एक्टिव नंबर का नेपाल के पास मिला टावर लोकेशन

इस बीच सूत्रों से जो बातें पता चलीं वे काफी महत्वपूर्ण है। सिकंदराबाद में पार्सल बुकिंग के दौरान जो मोबाइल नंबर संदिग्धों ने लिखवाया था तो पहले उसके बारे में कहा गया था कि वो नंबर गलत है। अब पता चल रहा है कि वो नंबर एक्टिव था। जब उसके कॉल डिटेल्स खंगाले गए तो पार्सल बुक कराने वाले मोबाइल नंबर पर कई बार बात किए जाने के सबूत मिले। जब उस नंबर का टावर लोकेशन खंगाला गया तो 17 जून को ब्लास्ट के वक्त उसका लोकेशन दरभंगा स्टेशन मिला। ये नंबर अभी भी एक्टिव है और इसका लास्ट टावर लोकेशन नेपाल के पास सटे एक इलाके में मिला है।

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