कोटा में फंसे छात्रों और दिल्ली के मजदूरों का ट्रेन किराए का खर्चा उठाएंगें पप्पू यादव

Patna: 2019 में जारी प्रवास रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली में 11 लाख, महाराष्ट्र में 6 लाख, उत्तर प्रदेश में 10 लाख, बंगाल में 11 लाख, पंजाब और गुजरात में 4 लाख और असम में 2 लाख बिहारी प्रवासी मजदूर काम करते हैं। हर साल लाखों लोग रोजगार की तलाश में दूसरे राज्य जाते हैं। नीतीश कुमार पिछले 15 वर्षों से मुख्यमंत्री है लेकिन आज तक एक बड़ी फैक्ट्री नहीं लगा सके है। जहां लोगों को काम मिले।” उक्त बातें जन अधिकार पार्टी (लो) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मधेपुरा के पूर्व सांसद पप्पू यादव ने कही।

बिहार वापस लौट रहे प्रवासी मजदूरों से ट्रेन का किराया लेने पर पप्पू यादव ने कहा कि, “जिन लोगों के पास 38 दिनों से कोई काम नहीं हैं और भोजन के लिए दूसरों पर आश्रित है। उनसे टिकट का पैसा लेना दुर्भाग्यपूर्ण हैं। इनके टिकट का खर्च राज्य सरकार उठाए।” पप्पू यादव ने घोषणा की कि दिल्ली से बिहार जाने वाले जिन मजदूरों के पास टिकट के लिए पैसे नहीं हैं उन्हें वो टिकट देंगे। साथ ही कोटा से लौटने वाले छात्रों के टिकट का खर्च भी वहन करेंगे। आगे जाप अध्यक्ष ने कहा कि, “आजादी के 70 सालों के भी देश के संसाधनों पर मजदूरों का अधिकार नहीं है। यह गांधी और अंबेडकर के सपनों का भारत नहीं हैं।”

पप्पू यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल किया कि क्या लॉकडाउन बढ़ाने से कोरोना वायरस खत्म हो जाएगा? उन्होंने फंड्स के खर्च, मरीजों की टेस्टिंग, आईसीयू बेड और वेंटिलेटर की संख्या पर एक श्वेत पत्र जारी करने की मांग की। उन्होंने मुज़फ्फरपुर में चमकी बुखार से हुई मौत का ज़िक्र करते हुए कहा कि, “इस साल भी चमकी बुखार से मौत हो गई। सरकार दावे करती रह गई और किया कुछ नहीं।”

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