दारोगा की बिटिया बनी SP साहिबा, UPSC परीक्षा पास करने पर कहा- IPS बनने के बाद ऑफिस जाकर सेल्यूट करूंगा

उसके दफ्तर जाकर सैल्यूट करूंगा… बेटी ने क्रैक किया UPSC, तो गर्व से चौड़ा हुआ हेड कॉन्सटेबल पिता का सीना

साई एलेक्या रावुरी… तेलंगाना के मधिरा इलाके में रहती हैं। पिता इसी इलाके के पुलिस थाने में हेड कॉन्सटेबल हैं। एलेक्या जब छोटी थीं, तो अक्सर पिता उन्हें अपने साथ पुलिस लाइंस में होने वाली स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस की परेड दिखाने ले जाते थे। परेड के दौरान एलेक्या ने देखा कि आईपीएस और आईएएस अधिकारियों का अलग ही रुतबा है। इन अधिकारियों को मिलने वाला सम्मान एलेक्या के दिल में घर कर गया। एलेक्या ने एक दिन पिता से कहा कि वो भी आईएएस या आईपीएस अधिकारी बनेगी। उस वक्त किसी ने नहीं सोचा था, कि छोटी सी एलेक्या की ये बात एक दिन सच हो जाएगी।

16 अप्रैल को जब यूपीएससी के नतीजे घोषित हुए, तो 28 वर्षीय एलेक्या को 938वीं रैंक मिली। उनकी रैंक को देखते हुए उन्हें आईपीएस या आईआरएस कैडर मिल सकता है। हालांकि, यहां तक पहुंचने की एलेक्या की राह आसान बिल्कुल नहीं थी। यूपीएससी की मेरिट लिस्ट में जगह बनाने से पहले उन्हें चार बार असफलताओं का सामना करना पड़ा। शुरुआती तीन प्रयासों में वो इंटरव्यू तक भी नहीं पहुंच पाईं। चौथी कोशिश में इंटरव्यू की लिस्ट में जगह बनाई, लेकिन फाइनल रिजल्ट में उनका नाम नहीं आया। इसके बावजदू एलेक्या ने हार नहीं मानी और पांचवें प्रयास में कामयाबी हासिल कर ली।

एलेक्या की इस सफलता पर उनके पिता रावुरी प्रकाश राव का सीना भी गर्व से चौड़ा हो गया है। द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, बेटी की कामयाबी पर बात करते हुए प्रकाश राव ने कहा, ‘मैं कितना खुश हूं, बता नहीं सकता। मेरे पास तो शब्द ही नहीं हैं। अपनी बेटी पर मुझे नाज है। चाहता हूं कि मेरी बेटी अफसर बनकर गरीबों की सेवा करे और दूसरे अफसरों के लिए भी एक मिसाल बने।’ आंखों में खुशी के आंसू भरे प्रकाश राव ने कहा, ‘जब वो आईपीएस बनेगी, तो मैं उसके दफ्तर जाकर उसे सैल्यूट करूंगा।’

अनुसूचित जनजाति समुदाय से आने वाली एलेक्या ने बताया, ‘ मुझे अभी 938वीं रैंक मिली है। लेकिन, मेरा अंतिम लक्ष्य आईएएस अधिकारी बनना है। मेरा मानना है कि आईएएस बनकर मैं समाज के हर तबके तक पहुंच सकती हूं… उनकी सेवा के लिए जरूरी कदम उठा सकती हूं। फिलहाल मुझे जो भी कैडर मिलेगा, मैं उसे ज्वॉइन करूंगी, लेकिन अभी मुझे रुकना नहीं है। मैं एक बार फिर से यूपीएससी की तैयारी करूंगी और पूरा प्रयास करूंगी कि इस बार मुझे अच्छी रैंक मिले, ताकि मैं आईएएस अधिकारी बन सकूं।’

एलेक्या ने अपनी 10वीं तक की पढ़ाई खम्मम से की थी। इसके बाद 12वीं करने के लिए उन्होंने विजयवाड़ा के श्री चैतन्य स्कूल में एडमिशन लिया। हैदराबाद की उस्मानिया यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन करने के बाद एलेक्या यूपी के वाराणसी आ गईं। यहां उन्होंने बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी से ग्रामीण विकास में एमए की डिग्री हासिल की। इसके बाद एलेक्या फिर से हैदराबाद आईं और यूपीएससी की तैयारी के लिए आईएएस एकेडमी ज्वॉइन कर ली। एकेडमी में एलेक्या ने 8 से 15 घंटों तक जी तोड़ मेहनत की।

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