भागलपुर से मरकज गए 119 लोगों में से 18 लापता, अब तक क्वारेंटाइन सेंटर में एक भी नहीं पहुंचा

Patna: दिल्ली के निजामुउद्दीन में कोरोना वायरस का केंद्र बने मरकज में भागलपुर जिले से 119 लोग गए थे, जिसकी तलाश प्रशासन व पुलिस लगातार कर रही है. इनमें से करीब 85 लोगों से तो प्रशासनिक अफसरों का संपर्क हो चुका है, लेकिन करीब 18 लागों का पता अभी तक नहीं चल सका है. हालांकि 16 लोगों के दूसरे राज्यों में होने की सूचना मिल रही है. बाकी 85 लोगों से मोबाइल पर संपर्क तो हो चुका है, उनके घर तक अफसर नहीं पहुंच पा रहे हैं.

ऐसी स्थिति में उनलोगों को क्वारैंटाइन सेंटर तक लाने में प्रशासन को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. हालत यह है कि अब तक एक भी संदिग्ध क्वारैंटाइन सेंटर नहीं लाया जा सका है. जबकि पहले तीन अल्पसंख्यक कल्याण छात्रावास, बालक, नवगछिया का मदन अहिल्या महिला काॅलेज और कहलगांव का शारदा पाठशाला काे क्वारैंटाइन सेंटर बनाया गया. फिर इसकी संख्या बढ़ाकर 11 की गई.

3. शारदा पाठशाला, कहलगांव: 65 बेड लगे, पर संदिग्ध एक भी नहीं
यहां हॉल में 65 बेड लगे हैं. कहलगांव के टॉउन हाल में 32 बेड लगाए गए हैं. लेकिन यहां भी मरकज से लाैटे किसी को क्वारेंटाइन नहीं किया जा सका. प्रशासन उनकी तलाश में है. कहलगांव एसडीओ सुजय कुमार सिंह ने बताया, तीनों केंद्रों के लिए 6 मजिस्ट्रेट तैनात हैं. बिजली,पानी की व्यवस्था की गई है. लेकिन अब तक कोई केंद्र पर नहीं आया है.

मरकज से लौटे लोगों के लिए बने क्वारैंटाइन सेंटर का हाल, जानिए

1. अल्पसंख्यक कल्याण छात्रावास: गेट पर लटक रहा ताला
बीएन कॉलेज के पास अल्पसंख्यक छात्रावास बालक काे जमातियों के लिए क्वारेंटाइन सेंटर बना है. लेकिन यहां विवाद शुरू हाे गया है. हॉस्टल के छात्रों का आरोप है, उनकी अनुपस्थिति में कमरों के ताले तोड़कर सामान रखे गए. लॉकडाउन में वे घर गए थे. हॉस्टल अधीक्षक डॉ. एचएन नईम ने आरोप को गलत बताया. उन्हाेंने कहा, डीएम के आदेश पर सेंटर बना है. छात्रों के सामान सुरक्षित हैं. इसकी वीडियो रिकॉर्डिंग है. पुरुष अल्पसंख्यक छात्रावास और धोबिया काली के पास के हॉस्टल क्वारेंटाइन सेंटर बने हैं, लेकिन अभी लाेग यहां नहीं हैं. सीतामढ़ी से आए बांका के 14 लोग क्वारेंटाइन सेंटर से भागेकोरोना संक्रमण राेकने के लिए भारत-नेपाल सीमा सील है. फिर भी लोग छिपकर आ रहे हैं. 3 अप्रैल को बांका के 14 लोग काठमांडू से पैदल वीरगंज बॉर्डर पार कर सीतामढ़ी पहुंचे. यहां उन्हें क्वारेंटाइन सेंटर रखने की सलाह दी. लेकिन, वे यहां से फरार हो गए. इधर, बांका से भी दो लोग सेंटर से भाग गए.

2. एमएएम काॅलेज, नवगछिया : सेंटर तैयार पर लाेगों का पता नहीं
इस कॉलेज को मरकज से लौटे लोगों के लिए क्वारेंटाइन सेंटर बनाया है. प्रशासन ने कोरोना संदिग्धों को ठहराने वाले कमरे की सफाई कर बेड लगा दिए हैं. भवन में फर्श पर 20 बेड लगाए हैं. लेकिन अब तक यहां एक भी लोग नहीं लाए जा सके. नवगछिया एसडीओ मुकेश कुमार ने बताया कि जमातितयों की सूची है. 3 नवगछिया, 3 बिहपुर, 3 खरीक, 1 नारायणपुर के लोग हैं. सभी का बीडीओ से सत्यापन कराया जा रहा है. इसमें कुछ लोग दिल्ली में ही हैं, कुछ अन्य स्थानों पर है. एक व्यक्ति का मोबाइल नंबर मिला, लेकिन पता नहीं चल रहा.

काॅल नहीं लग रहा, बता रहा रांग नंबर, नाॅट रिचेबल
जिन 18 लाेगाें का अभी तक पता नहीं चला, उनके माेबइल नंबर पर अफसर संपर्क कर रहे हैं. इनमें से कुछ रांग नंबर, कुछ अवैध और कुछ माेबाइल नाॅट रिचेबल व कुछ स्विच ऑफ आ रहा है. कुछ से संपर्क हुआ तो पता चला कि वह सिम काेई दूसरा ही इस्तेमाल कर रहा है. जिसकी तलाश की जा रही है, वह नहीं है. इससे उनकी ट्रेकिंग में परेशानी बढ़ गई है.

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