एक चिट्ठी PM मोदी की मां के नाम, अम्मा- देश भर में बच्चे मर रहे हैं और तुम्हार बेटा चुनावी रैली कर रहा है

AWESH TIWARI : एक चिट्ठी मोदी जी की मां के नाम…. अम्मा, ढेर सारा प्यार। कैसी हो? वैसे तो तुम देश के पीएम नरेंद्र दामोदर दास मोदी की मां हो लेकिन मेरी माँ भी हो सकती थी। मां न होती तो दादी ही हो जाती मेरे पिता का नाम भी नरेंद्र हैं।

अम्मा, आज मुझे तुम्हारे बेटे के बारे में बात करनी है । यह बात इसलिये जरूरी है क्योंकि मेरे पास तुम्हारे बेटे से संवाद का कोई और रास्ता दूर दूर तक नजर नही आता। मुझे क्या किसी को नजर नही आता। देश मे तमाम माएँ, तमाम बेटे तिल तिल कर मर रहे हैं मगर तुम्हारा वह बेटा नही नजर आ रहा जो तुम्हारे आशीर्वाद और देश की जनता के उन्माद से देश का प्रधानमंत्री बन गया। उस तक देश की जनता की आवाज ही नही पहुंच रही अम्मा।

अम्मा, कई बार ऐसा होता है कि किसी किसी पद की गरिमा उसका ताप हमें जिम्मेवार बनाता है। बेहद गरीबों , बंचितों का देश है तो जरूरी है कि देश का प्रधानमंत्री, मंत्री, अधिकारी सभी संवेदनशील हों पर ऐसा हो नही पा रहा अम्मा। तुम्हारा बेटा अब जब देश फंस गया है मंच पर खड़ा होकर भीड़ को देख आह्लादित होता है। अम्मा, सच बताना, बचपन मे भी क्या ही ऐसा था? आपको देखकर लगता है कि आपने जरूर उससे कहा होगा कि दूसरों के सुख दुख में शामिल होने से बड़ा धर्म कोई नही है। लेकिन अम्मा शायद अपनी महत्वाकांक्षाओं की वजह से आपका बेटा धर्म और राजधर्म दोनों भूल गया है।

अम्मा, इस वक्त देश मे तमाम जवान बेटे इस जालिम रोग की वजह से अपनी मांओं से बिछुड़ रहे हैं। लेकिन आपका बेटा खामोश है वह अवसर खोज रहा है। वह कहता भी है आपदा में अवसर ढूंढो। वह सबसे कहता रहा कि मेरी मां ने दूसरों के घर मे काम करके मुझे पढ़ाया। सच बताओ अम्मा, जब परिवार पर कोई संकट आया या आपदा आई तो तुम अवसर खोजने लगी या आपदा के सामने चट्टान की तरह खड़ी हो गई? अम्मा, अपने बेटे को बुलाओ अपने पास, उसे समझाओ , उससे कहो कि राजधर्म निभाएं, उसे अपना वास्ता दो।

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